
कभी गौर किया है कि लड़कियों की शर्ट में पॉकेट क्यों नहीं होती और इसका क्या कारण है
लड़कियां अक्सर लड़कों की तरह ही जींस, टी-शर्ट, शर्ट, स्लैक और ट्राउजर पहनती हैं। हालांकि, पुरुषों और महिलाओं दोनों के कपड़ों में कुछ अंतर होता है। क्या आपने इस बारे में कभी सोचा है ?
यह सवाल आपके मन में जरूर आया होगा कि महिलाओं की शर्ट में जेब क्यों नहीं होती या अगर जेब है तो उनमें कुछ भी क्यों नहीं रखा जाता है?
आज के फैशन की बात करें तो इसमें काफी बदलाव आया है। लिखे फिर भी आपको लेडीज शर्ट बिना पॉकेट के ही देखने को मिलेंगे।
ये कुछ हद तक स्थानीय परम्परा और मानसिकता से जुड़ा मसला है

अधिकांश किसी संस्थान से जुड़े फॉर्मल ड्रेस के रूप में पहनी जाने वाली लेडीज शर्ट हो या स्कूल से की फॉर्मल ड्रेस में पॉकेट लगे होते हैं। लेकिन कैजुअल और नॉन-फॉर्मल शर्ट (लेडीज) में पॉकेट नदारद होता है।
और जब लड़कियां खुद दर्जी से शर्ट सिलवाती हैं तो पॉकेट लगाने की डिमांड नहीं करती हैं। इसके पीछे कोई विज्ञान या विशेष तर्क नहीं है, लेकिन इसमें एक पुरानी परंपरा और फिलोसोफी छिपा है।
पहले महिलाओं के कपड़ों में जेब नहीं होती थी। कमीजों में जेब नहीं होने का कोई तार्किक आधार नहीं है।
ऐसा इसलिए हुआ करता है (था) क्योंकि अगर शर्ट में जेब होगी तो महिलाएं उसमें कुछ न कुछ जरूर रख लेंगी, जिससे सामने वाला हिस्सा ज्यादा उभरा दिखेगा, जो अच्छा नहीं लगता है।
यही कारण है कि लड़कियों के शर्ट (कपड़ों) पर जेब नहीं होती है, विशेषकर सामने की ओर। भले इस मॉडर्न युग में सोच और चीजें बदल गई हों, लेकिन लड़कियां इस ट्रेडिशन को अभी भी जारी रखे हुए हैं क्योंकि लड़कियों के पॉकेट नहीं रखना चाहती हैं क्योंकि ये जेब अपने पोजीशन के कारण दिखने के असहज लगती है।
आजकल समय के साथ-साथ लड़कियों के लड़कियों के सोच में बहुत परिवर्तन आया है । वे अपनी मर्जी की मालिक (मालकिन) हैं, और कई प्रकार के आलोचना के बावजूद वे जो चाहें कपड़े पहनती हैं।
अब यह उन पर निर्भर करता है कि उन्हें शर्ट में पॉकेट होना चाहिए या नहीं।